Software क्या है, software कितने प्रकार के होते हैं | what is software in Hindi? क्या आप इन सबसे के बारे में जानना चाहते हैं? अगर हाँ तो इस पोस्ट में मैंने software की पूरी जानकारी हिंदी में दिया है. टेक्नोलॉजी की दुनिया में सॉफ्टवेयर का बहुत बड़ा उपयोग होता है इसलिए ये जरुरी है की हमे पता हो की software kya hai.
आपको computer के बारे में तो पता ही है. computer एक ऐसा लोकप्रिय मशीन बन गया है जो आजकल हमे हर जगह देखने को मिल जाता है जैसे school, colleges, banks, office, दुकान और साथ ही साथ घरो में भी. लेकिन आपको कैसा लगेगा अगर मैं कहूँ की software के बिना computer कुछ भी नहीं है? जी हाँ यही परम सत्य है. अगर हमारे पास बिना software का computer रहे तो हो सकता है की हमे उसे किसी कबाड़ी वाले से बेचना पड़ जाये.
Mobile और Computer दोनों ऐसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो हमारे काम को आसान तो बनाते ही हैं पर साथ ही साथ मनोरंजन में भी हमारा साथ देते हैं. पहले के दौर में computer और mobile इतना popular नहीं था क्योकि इससे कुछ ही कामो को किया जा सकता था पर जैसे जैसे इनके hardware और software में बदलाव होते गया, जरुरत के हिसाब से नए नए सॉफ्टवेयर बनते गयें वैसे ही ये device popular होते चले गयें. और आज समय ऐसा आ गया है की आप खुद ही सोच सकते हैं की हमारे जीवन में कितना प्रभाव डालते हैं ये दोनों उपकरण.
ऐसे तो और भी बहुत से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में software डले रहते हैं पर इस पोस्ट में मैं केवल computer और mobile का ही उदाहरन ले के चल रहा हूँ जिससे आपको आसानी से software के बारे में समझ आ जायेगा. तो आइये बिस्तार से जानते हैं की Software क्या है और Software कितने प्रकार के होते हैं? (what is software & its type)
Software क्या है? – What Is Software In Hindi
सॉफ्टवेयर बहुत सारे programs का एक collection होता है जो computer को किसी भी कार्य करने के लिए सक्षम बनाता है. आसान भाषा में हम ये भी कह सकते हैं की software उन programs का समूह है जो विशिष्ट कार्य को करते हैं (Software is a set of programs which performs a specific task).
Computer के मुख्य दो भाग होते हैं software और hardware और इन दोनों में से किसी भी एक के बिना computer अधुरा है जैसे computer hardware में अगर software न रहे तो इससे कुछ काम नहीं किया जा सकता है और अगर hardware न रहे तो software कहा डाला जायेगा? इसीलिए दोनों को मिलाकर ही computer तैयार होता है. computer की ही तरह same condition लागु होता है mobile में भी.
Software किसी computer या mobile का वह भाग होता है जिसका उपयोग करके हम computer/mobile से किसी विशिष्ट काम को करवा सकते हैं. hardware को तो देखा जा सकता है और छुवा भी जा सकता है पर software को केवल देखा ही जा सकता है, इसे छुआ नहीं जा सकता.
कोई भी software computer के hardware और उपयोगकर्ता के बिच mediator होता है जो किसी कार्य को करने के लिए उपयोगकर्ता के दिए गये निर्देश (Command या instruction) को पालन करता है और computer hardware से उस विशिष्ट कार्य को complete करवाता है जिसके परिणाम स्वरुप हमे वांछित output देखने को मिलता है.
Software के कुछ उदाहरन हैं Google chrome, Mozila firefox, Vlc media player, Notepad, Photoshop, Uc browser, Mx player आदि.
हम हर काम के लिए mobile या computer में किसी न किस software का ही इस्तेमाल करते हैं जैसे आप अभी ये लेख पढ़ रहे हैं एक browser में जो की एक software है. आप whatsapp का इस्तेमाल तो जरुर करते होंगे ये भी एक software ही है. ऊपर मैंने आपको बोला था की computer मनोरंजन का भी अच्छा साधन है जैसे हम games खेलते हैं, media player जैसे vlc में videos देखते हैं ये सभी software हैं.
Programs और Instructions:-
Programming language में instructions लिखे जाते हैं और जरुरत के हिसाब से कई सारे instruction को मिलाके एक program बनता है. यानि किसी कार्य को करने के लिए कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों (instructions) के अनुक्रम को प्रोग्राम कहा जाता है।
एक छोटे से कार्य के लिए एक instruction लिखा जाता है जो कुछ lines का code होता है और आपको पता होगा की किसी भी software में अनेको कार्यक्षमता (functionality) होते हैं इसलिए किसी software में जितना ही ज्यादा कार्यक्षमता होता है उतना ही ज्यादा instructions लिखा होता है. बहुत सारे instructions से मिलकर के program बनता है और कई program से मिलकर एक software बनता है.
आइये एक उदहारण से समझाता हूँ- आप देखे होंगे हर एक computer या mobile में कैलकुलेटर तो होता ही है जो की एक software है. कैलकुलेटर के जरिये हम addition, Subtraction, Multiplication और Devision कर पाते हैं यानि कैलकुलेटर में इतने सारे कार्यक्षमता होते हैं. पर कैलकुलेटर बनाते वक़्त addition के लिए अलग program, subtraction के लिए अलग program और इसी तरह multiplication और devision के लिए भी अलग अलग program लिखे जाते हैं. इन्ही सभी programs को मिलाके एक बड़ा program collection बन जाता है जिसे software कहते हैं.
Programming Language:-
Computer हमारी भाषा नहीं समझता है इसलिए इस समस्या का समाधान किया जाता है special भाषा का उपयोग करके जिसे programming भाषा कहते हैं. programming language एक software बनाने की भाषा है जिसमे functions, keywords, symbols और rules होते हैं. software program लिखने के लिए इसी भाषा का उपयोग कीया जाता जिसे computer समझता है और task perform करता है. ऐसे तो कई सारे programming language हैं पर कुछ फेमस हैं – C, C++, JAVA, PHP, MY SQL, .NET आदि.
Software के प्रकार – Types Of Software In Hindi
अभी तक आपने ये जाना है की software क्या है. पर ये software भी अलग अलग प्रकार के होते हैं. computer या mobile में अलग अलग कामो के लिए अलग software बने हैं और हम हर काम के लिए software का इस्तेमाल करते हैं. आप अभी मेरा ये पोस्ट पढ़ रहें हैं अपने किसी browser में जो की एक software है. सॉफ्टवेयर मुख्यतः दो तरह के होते हैं-
- System Software
- Application Software
System Software क्या है?
उपयोगकर्ता के program को निष्पादित (execute) करने के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर को सिस्टम सॉफ्टवेयर कहा जाता है. यानि users या programmers जो program (software) बनाते है उसे computer में install करके उसे कार्यशील बनाने के लिए जिस software की जरुरत होती है उसे ही system software कहते हैं.
जैसे की नाम से ही पता चल रहा है इसे system software इसलिए कहते हैं क्योकि ये system यानि computer को काम करने में मदद करता है. computer hardware में जितने भी hardware components होते हैं उन्हें system software ही control और manage करता है. साथ ही साथ application software को install और run कराने का काम भी system software करता है यानि बिना system software के कोई भी application software नहीं चलाया जा सकता है. System software कई तरह के होते हैं जैसे-
1. Operating System
Operating System जिसे short में OS भी कहते हैं एक ऐसा system software है जो computer को काम करने के योग्य बनाता है. computer में कई सारे components होते जैसे keyboard, mouse, monitor, cpu आदि जिन्हें computer hardware कहते हैं. OS computer hardware और users के बिच interface जैसा काम करता है और user के दिए गये कमांड को computer hardware के द्वारा process करवाता है. Operating System के कुछ उदाहरन-
- Windows
- Mac
- Linux
- Android
2. Utility Software
Utility software को service program के नाम भी जाना जाता है. ये software computer को manage, security, maintain करने का काम करते हैं. utility software computer hardware से शिधा संपर्क में नहीं रहते हैं. और भी संक्षिप्त में बताऊँ तो कंप्यूटरों में, एक utility software एक छोटा प्रोग्राम है जो ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा प्रदान की गई क्षमताओं को बढ़ाता है। ये ऑपरेटिंग सिस्टम का एक विशेष और गैर-महत्वपूर्ण हिस्सा है। गैर-महत्वपूर्ण का अर्थ ये है की ये OS का nonessential part है जो नहीं भी रहेगा तो computer work करेगा. जैसे antivirus, backup, disk repair, file management, security, and networking programs आदि.
3. Device Driver
ये एक विशेष प्रकार का software program होता है जो computer के input device और output device को जोड़ता है और उन्हें सही से work करने में मदद करता है. जैसे audio driver, video driver, graphic driver. कभी कभी आप देखते होंगे की हमारे computer से स्पीकर connect होता है पर जब हम कोई sound play करते हैं तो स्पीकर से आवाज ही नहीं आता है पर जैसे ही हम sound driver install कर देते हैं तो स्पीकर से आवाज आने लगता है.
Application Software क्या है?
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर एक शब्द है जिसका उपयोग किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर के लिए किया जाता है। यह आम तौर पर अंतिम उपयोगकर्ताओं द्वारा उपयोग किए जाने वाला program है. इसे एक एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर या केवल एक ऐप कहा जा सकता है. वास्तव में सिस्टम सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर के अलावा सभी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हैं.
ऊपर मैंने आपको बताया की system software computer hardware को manage करता है और उसे काम करने योग्य बनाता है पर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी विशेष काम को करते हैं. ये सॉफ्टवेयर हमारी जरुरतो को पूरा करते हैं इसलिए इसे problem solving software भी कहा जाता है. जरुरत पड़ने पे user आसानी से इसे install या uninstall कर सकता है. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कई तरह के होते हैं. आइये विस्तार से जानते इनके बारे में-
1. Basic Application Software
ये उन software को कहते हैं जिनका उपयोग हम अपने सामान्य कामो के लिए करते हैं. computer में ऐसे software का इस्तेमाल हम बहुत ज्यादा करते हैं. Basic application software को हम सामान्य उद्देशीय सॉफ्टवेयर (General purpose software) भी कहते हैं. ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले general purpose software के कुछ उदाहरन हैं-
- Word Processing Program:- documents बनाने के लिए इस software का इस्तेमाल किया जाता है. उदाहरन के लिए MS Word इसी category का software है जिसका इस्तेमाल office में ज्यादा किया जाता है नया documents बनाने के लिए या फिर ducument को edit, print जैसे कामो के लिए.
- Multimedia Program:- इस category के software का इस्तेमाल अलग अलग तरह के media जैसे audio, video को चलाने के लिए किया जाता है. जैसे VLC media player, windows player आदि.
- Graphic Software:- इस category में आने वाले software का इस्तेमाल graphic डिजाईन में किया जाता है. उदाहरन के लिए हम visual images को edit करने के लिए या कोई अच्छा image बनाने के लिए किसी फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं जैसे- Adobe Photoshop, ms paint.
- Web Browser:- computer या mobile में internet चलाने के लिए हम किसी न किसी browser का ही इस्तेमाल करते हैं जैसे- UC Browser, Chrome, Opera आदि.
2. Specialized Application Software
जैसा की इसके नाम से भी पता चल रहा है, ये ऐसे software होते हैं जो किसी विशेस काम और उदेश्य से बनाये जाते हैं. इसे विशेष उद्देशीय software (special purpose software) भी कहते हैं. निचे कुछ इस category के सॉफ्टवेयर का उदाहरन है-
- Accounting software
- billing software
- Reservation software
मेरी अंतिम राय
दोस्तों उम्मीद है आप अच्छे से समझ गये होंगे की सॉफ्टवेयर क्या है?, सॉफ्टवेयर कितने प्रकार के होते है?. वास्तव में अगर हम computer या mobile का इस्तेमाल करते हैं तो सॉफ्टवेयर से ही घिरे हुवे हैं इसलिए software के बारे अच्छा नॉलेज रखना बहुत जरुरी है. अंत में मैं आपसे यही कहना चाहूँगा की software kya hai” वाली ये पोस्ट आपको पसंद आया हो तो इसे social media पे शेयर जरुर करें.
theme kafi accha hai bhai muje ye puchna hai ki blog ka section kaise alag se banaya hai
thank u Brother…. maine home ke liye alag page use kiya hai aur post page(blog) ke liye alag page use kiya hai. aap wp reading setting me ye kar sakte hain